आप ने कई बार तीव्र या प्रबल इच्छा के बारे मे सुना अथवा पढ़ा होगा। इसमें इच्छा एवं प्रबल इच्छा शब्द भर्मित कर देने वाले है। इसका सीधा अर्थ है “आप जो चाहते हैं उसे कितना चाहते हैं”। इच्छा मे कितनी तीव्रता है की वह प्रबल अथवा तीव्र इच्छा कहलाये इसका एक उदारण इस प्रकार है।
कहा जाता है कि एक युवक ने सुकरात से पूछा कि उसे बुद्धि कैसे मिल सकती है। यहा आप बुद्धि शब्द के इस्थान पर सफलता शब्द का प्रयोग भी कर सकते है ।
मेरे साथ आओ, सुकरात ने जवाब दिया ।
उस लड़के को नदी तक ले गए और उसका सिर पानी में डुबो दिया।
उन्होंने उसे तब तक दबाए रखा जब तक कि लड़का हवा के लिए पूरी तरह छटपटाने नहीं लगा।
फिर उन्होंने उसे छोड़ दिया।
जब लड़के की हालत ठीक हो गई तो सुकरात ने उससे पूछा।
जब तुम्हारा सिर पानी में डूबा था तो तुम्हें किस चीज की सबसे ज्यादा चाहत थी ।
“हवा की” लड़के ने जवाब दिया।
सुकरात ने धीरे से सिर हिलाया, जब तुम बुद्धिमानी को इतना चाहने लगोगे, जितना कि पानी में डूबते समय हवा को चाहते थे, तो यह तुम्हें मिल जाएगी।
इसी तरह जब आपके मन में भी जीवन की किसी निश्चित बाधा को पार करने की गहन प्रबल इच्छा होगी तो आप एक निश्चित निर्णय पर पहुंचेंगे की कोई रास्ता है।
आप की कई इछाये हो सकती है जैसे बुद्धि अथवा सफलता प्राप्त करना, नसे की लत को छोड़ना, अध्ययन करना,व्यायाम कर शरीर को स्वस्थ बनाये रखना आदि सभी इछाओ मे प्रबलता अथवा तीव्रता होना लक्ष्य के पूर्ण होने के लिए आवश्यक है ।
आप विश्वास से फैसला करेंगे कि यही वह रास्ता है। जिस पर आप चलना चाहते हैं। तो विजय सुनिश्चित है
Copyright © 2024 All Rights Reserved. Design & Maintained By NG Softech. Find Latest ITI Jobs.
Comments